Hyderabad Forest News: हैदराबाद ग्रीन ज़ोन विवाद, तेलंगाना में 400 एकड़ के कांचा गचीबावली जंगल की कटाई पर हंगामा, छात्र सड़क पर, मामला अदालत में!

Hyderabad Forest News: आजकल दोस्तों सोशल मीडिया पर तेलंगाना में 400 एकड़ में फैले कांचा गचीबावली जंगल को काटने वाला मामला काफी चर्चा में है. सरकार क्या कहना है, कि इस जमीन को आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए इस्तेमाल करना चाहती है. लेकिन छात्रों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि यह पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी। अब इस मामले में कोर्ट ने भी अपना कदम रख दिया है और पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है. जबकि सरकार का कहना है कि यह जमीन सरकारी है और यहां पर विकास कार्य होना चाहिए।

यह जंगल हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के पास स्थित हैं. लेकिन सरकार इस जमीन को आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए काम में लेना चाहती हैं. लेकिन अब मामला कोर्ट तक पहुंच गया है, और कोर्ट ने इस पर शक्ति दिखाते हुए पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी हैं.

Hyderabad Forest को बचाने की जंग! आखिर क्यों हो रहा है विरोध?

Hyderabad Forest News: इस मामले में दोस्तों, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों और पर्यावरण प्रेमियों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है. उनका कहना है कि यह जंगल पर्यावरण के लिए जरूरी है। सोशल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस इलाके में झीलों और खास तरह की चट्टानों के नुकसान की बात भी कही गई है. वहीं छात्रों का आरोप है कि सरकार छात्रों को गुमराह कर रही है और इस जमीन का इस्तेमाल निजी कंपनियों के हित में करना चाहती है.

यूनिवर्सिटी ने सरकार के दावे को गलत बताया

हैदराबाद विश्वविद्यालय ने सरकार के दावे खारिज करते हुए कहा कि जमीन का सर्वे उनकी समिति से हुआ था। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि जुलाई में केवल प्रारंभिक निरीक्षण हुआ था; उसे आधिकारिक सर्व नहीं कहा जा सकता। उसके साथ ही उनका कहना है कि विश्वविद्यालय ने कभी भी इस जमीन के सीमांकन को स्वीकार नहीं किया था, और सरकार बिना किसी ठोस सबूत के दावा कर रही है कि जमीन पूरी तरह उसकी है।.

पेड़ काटने पर सख्त पाबंदी

Hyderabad Forest News को संज्ञान में लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तेलंगाना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को तुरंत कांचा गचीबावली जंगल का दौरा करके और 3.30 बजे तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया हैं. साथ ही कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्य सचिव को यह कहा कि अगले आदेश तक जंगल में कोई भी पेड़ नहीं काटा जाए. कोर्ट ने कहा कि वह तेलंगाना हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक नहीं लगा रहा है, लेकिन इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई आवश्यक है.

Hyderabad Forest मामले में पर्यावरण मंत्रालय की सख्त कार्रवाई

अब इस पूरे मामले में केंद्र सरकार का भी दखल हो गया है. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तेलंगाना सरकार को आदेश दिया है कि अवैध पेड़ कटाई पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही यह भी कहा गया है कि पर्यावरण कानूनों और कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से पालन करना होगा. इसके साथ ही तत्काल केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी जाए, इसमें सारी स्थिति स्पष्ट हो. मंत्रालय ने यह भी बताया कि इस मामले में सांसद और कई अन्य प्रमुख हस्तियों ने शिकायत की है.

सरकार ने पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं को नकारा

दोस्तों, तेलंगाना सरकार का कहना है कि विकास क्षेत्र में कोई भी झील नहीं है, इसलिए पानी के स्रोतों को कोई खतरा नहीं है. मशहूर मशरूम रॉक’ जैसी चट्टानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. साथ ही, उनका कहना है कि कुछ राजनीतिक नेताओं और रियल एस्टेट समूहों ने छात्रों को गुमराह किया है. सरकार का कहना है कि इस जमीन को पूरी तरह से कानूनी तरीके से हासिल किया है. दूसरी ओर, तेलंगाना हाई कोर्ट ने पहले ही राज्य सरकार को 3 अप्रैल तक किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य रोकने का निर्देश दिया है.

जुलाई 2024 में संपन्न हुआ भूमि सर्वेक्षण

दोस्तों, तेलंगाना सरकार का कहना है कि आधिकारिक सर्वे 19 जुलाई 2024 को हुआ था, जिसमें विश्वविद्यालय और सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में तय किया गया कि यह जमीन सरकारी है और इसमें विश्वविद्यालय की कोई हिस्सेदारी नहीं है. सरकार ने यह भी कहा कि मीडिया में कुछ गलत जानकारी फैलाई जा रही है कि यह जमीन वन क्षेत्र है.

ये न्यूज़ भी पढ़ें: मेरठ जेल में साहिल और मुस्कान किस भूमिका में हैं? सुबह की शुरुआत कैसे होती है, जाने उनकी दिन चर्चा

ये न्यूज़ भी पढ़ें: दिल्ली पुलिस पहुंची जस्टिस यशवंत वर्मा के घर, जले हुए नोटों वाली जगह को किया सील!

 


Telegram Group Join Now

Leave a Reply