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मेरठ जेल में साहिल और मुस्कान  किस भूमिका में हैं? सुबह की शुरुआत कैसे होती है, जाने उनकी दिन चर्चा

साहिल और मुस्कान

साहिल और मुस्कान

साहिल और मुस्कान से अभी तक कोई मिलने वाला नहीं आया है। उनके परिवार से दोस्तों ने मुस्कान के माता-पिता ने साफ-साफ बना कर दिया है कि वो उसकी कोई मदद नहीं करेंगे। मुस्कान और साहिल ने सरकारी वकील की मांग की है। साथ ही, साहिल ने जेल अधीक्षक को प्रणाम पत्र देकर सरकारी वकील की मांग जाहिर की है।

इस हत्याकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। मेरठ में पत्नी द्वारा अपने पति की बर्मी से हत्या कर दी गई। और अपने प्रेमी के साथ मिलकर शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर कर एक ड्रम में सीमेंट डालकर सील कर दिया। लेकिन दोस्तों, अब सवाल यह उठता है कि सलाखों के पीछे दोनों हत्यारों की जिंदगी कैसी चल रही है। साहिल और मुस्कान सुबह उठकर क्या करते हैं? जेल से कब बाहर निकलते हैं और उनकी नई डिमांड क्या है? साहिल और मुस्कान को जेल में किस तरह से रखा गया है?

जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि साहिल और मुस्कान को नशे की लत से बेचैनी रहती है। इसलिए उनको जेल के अंदर बने नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल कराया गया है, इसलिए उनकी काउंसलिंग शुरू की गई है और नियमित योग और ज्ञान कराया जा रहा है। जेल अधीक्षक का कहना है कि 10 से 12 दिन या 15 दिन में उनकी हालत में सुधार हो सकता है।

जेल में मुस्कान और साहिल का डेली रूटीन?

दोस्तों, साहिल और मुस्कान सुबह 6:00 बैरक से बाहर निकाले जाते हैं, क्योंकि उसमें नाश्ते का टाइम होता है। जेल में इन्हें टाइम के हिसाब से खाना दिया जाता है। जेल अधीक्षक ने बताया कि इसके बाद दिन में ये लोग जेल की बैरक में लगे टीवी पर न्यूज़ और प्रोग्राम देखते हैं। क्या ये लोग टीवी देखकर अपने किए पर पछता रहे हैं, या फिर कुछ और सोच रहे हैं?

साहिल और मुस्कान बैरक से बाहर कब निकलते हैं?

जेल अधीक्षक का कहना है कि जेल के सख्त नियम हैं. इसलिए सुबह 6:00 बजे नाश्ते के लिए और दोपहर में खाने के लिए बस यही दो मौक़े हैं, जब इन्हें बाहर आने की इजाजत है. बाकी सारा समय बैरक में बंद रहते हैं.  दोनों को अलग-अलग साहिल को पुरुष बैरक और मुस्कान को महिला बैरक में रखा गया है.  दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं.  जेल अधीक्षक का कहना है कि ये सेफ्टी के लिए यह जरूरी है.

मुस्कान और साहिल की जेल में क्या मांग है?

अब एक चौंकाने वाली बात. अभी तक साहिल और मुस्कान से उनके परिवार का कोई भी सदस्य मिलने नहीं आया. मुस्कान के माता-पिता ने तो साफ कह दिया कि वह उनकी कोई मदद नहीं करेंगे. इसलिए मुस्कान ने पहले सरकारी वकील की मांग की, और अब साहिल ने भी जेल अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर सरकारी वकील मांगा है. जेल अधीक्षक का कहना है कि यह प्रार्थना पत्र कोर्ट में भेज दिया गया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या सरकारी वकील मिल भी जाए तो क्या वह इन दोनों को इस अपराध से बचा पाएंगे?

क्या मुस्कान प्रेग्नेंट है?

दोस्तों, कुछ लोगों का कहना है कि मुस्कान का प्रेगनेंसी टेस्ट कराया जाएगा. लेकिन जेल अधीक्षक ने इन बातों को बिल्कुल सिरे से मना कर दिया है. उनका कहना है कि सिर्फ वह उनकी सेहत और दिमागी हालत पर ध्यान दे रहे हैं. क्या ये दोनों सच में अपनी गलती पर पछता रहे हैं, या सिर्फ वक्त गुजार रहे हैं?

अब आगे क्या होगा?

उनकी जिंदगी पूरी तरह से जेल में अनुशासन में बंधी हुई है। नशा मुक्ति केंद्र में काउंसलिंग के साथ योग और ध्यान के जरिए मानसिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। और जेल के नियमों का शक्ति से पालन कराया जा रहा है और उनकी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है। इनके साथ अन्य कैदियों को ज्यादा बातचीत करने की इजाजत नहीं है, जेल अधीक्षक का कहना है कि 14 दिन की न्यायिक विरासत पूरी होने के बाद, उनसे और पूछताछ की जाएगी। इस मामले को जल्द न्याय दिलाने के लिए इसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने की भी तैयारी की जा रही है।‌

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