ड्रैगन मूवी ना केवल पहले दिन ही ब्लॉकबस्टर है बल्कि
ड्रैगन मूवी रिव्यू: साउथ की ड्रैगन मूवी अर्जुन कपूर की मेरे हसबैंड की दुल्हन को टक्कर देने के लिए 21 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज़ कर दी गई है
Dragon Movie Twitter Review:
दोस्तों अर्जुन कपूर की मेरे हस्बैंड की बीवी बॉक्स ऑफिस पर 21 फरवरी को रिलीज हो गई है। लेकिन दोस्तों साउथ की ड्रैगन मूवी इस फिल्म से ज्यादा दर्शकों का ध्यान खींच रही है। दोस्तों इस फिल्म को सोशल मीडिया पर ज्यादा प्यार मिल रहा है। फिल्म को देखने के लिए सिनेमाघर में भीड़ लग रही है। तो मॉर्निंग शोज बढ़ाए जाने की खबरों पर जोर दिया जा रहा है। इसी बीच ड्रैगन को ब्लॉकबस्टर का टेग ट्विटर यूजर ने दिया है। यह फिल्म प्रदीप रंगनाथन द्वारा अभिनीत और अश्वत मारीमुथु द्वारा निर्देशित किया गया है वही बात करें इसके पहले दिन का कलेक्शन भी ड्रैगन का देखने लायक है।
मूवी के बॉक्स ऑफिस ट्रैकर सैकनिलक के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार 6 करोड़ की ओपनिंग की है। जबकि मूवी का बजट से 37 करोड़ बताया जा रहा है. इस मूवी के सोशल मीडिया की बात करें तो एक एक्स यूजर ने लिखा, ड्रैगन ब्लॉकबस्टर ऑन कार्डस. और लिखा अभी अपनी टिकट बुक करें. संभव. साथ ही दूसरे यूज़र ने लिखा ड्रैगन धन्यवाद… बेहतरीन. बढ़िया सिनेमा.बेहतरीन लिखा है।
#DRAGON 🐉
B-L-O-C-K-B-U-S-T-E-R ON CARDSBook your tickets Right Away 😎@pradeeponelife @Dir_Ashwath SAMBAVAM 🔥🔥🔥🔥🔥🔥
— Venkatramanan (@VenkatRamanan_) February 21, 2025
दोस्तों अन्य यूज़र ने ड्रैगन मूवी के बारे में लिखा। बढ़िया पहला भाग.बहुत ताजा और नई दिलचस्प कहानी, बहुत महत्वपूर्ण और प्रासंगिक संदेश के साथ. एक बेहतरीन इंटरवल बैग. चोथै यूज़र ने लिखा, ब्लॉकबस्टर. अभी अपनी टिकट बुक करें
इसके अलावा एक यूजर ने ड्रैगन का पहला भाग अच्छा. इसके साथ पहला भाग के अंतिम 40 मिनट अच्छे हैं. अंतराल वाले हिस्से भी अच्छे बताएं. गाने अच्छे हैं. और दृश्य ठीक है, प्रदीप रंगनाथन की एक्टिंग अच्छी है. साथ ही नकली इंटरव्यू वाला पार्ट हंसी दिलाता है. रविंदर वाला हिस्सा फिल्म का टर्निंग पॉइंट है। माईस्किन वाला हिस्सा अच्छा है।
#Dragon | first half | Good
Pos:
👍 good last 40 mins of first half , interval portions is good 👍
👍songs good and visualising ok
👍#PradeepRanganathan acting is good
👍fake interview portion laugh riot
👍Ravindar portion turning point of the movie.
👍 mysskin portion…— KUDALINGAM MUTHU (@KUDALINGAM49671) February 21, 2025
ड्रैगन मूवी में प्रदीप रंगनाथन के साथ अनुपमा परमेश्वरन और कायाटु लौहार मुख्य भूमिका में नजर आ रहे है, यह मूवी अश्वन मरिमुथु के निर्देशन में बनी है। और इसमें मिसकिन के एस. रविकुमार और गौतम मेनन भी महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आ रहे हैं। ड्रैगन की मजबूत एडवांस बुकिंग और खचाखच भरे थिएटर बॉक्स ऑफिस पर मूवी के बेहतरीन परफॉर्मेंस का संकेत दे रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही अर्जुन कपूर की लेटेस्ट मूवी मेरे हस्बैंड की दुल्हन को भी पॉजिटिव रिव्यू मिल रहे हैं
ड्रैगन मूवी की कहानी
दोस्तों इस कहानी में शुरू होती है राघवन (प्रदीप रंगनाथन) से, जो एक कॉलेज का बागी स्टूडेंट होता है. जिसकी मार्कशीट पर लगातार फेल के निशान होते हैं। आखिरी सेमेस्टर में उसकी गर्लफ्रेंड कीर्ति (अनुपमा परमेश्वरन) उसके टूटे हुए सपनों का एहसास दिलाती है, लेकिन उससे रिश्ता तोड़कर उसको अकेला छोड़ देती है। यहीं से दोस्तों राघवन की ज़िदगी का एक नया मोड़ आता है। वह इस दर्द को “जल्दी सफल होने” में बदल देता है वो अपनी नकली डिग्री बनवाता है, शॉर्टकट अपनाता है, और सफलता की रेस में कूद जाता है।
शुरुआत में तो सब कुछ सही चलता है, मगर इसके बाद जल्द ही उसकी झूठी दुनिया हिलने लगती है। कॉलेज प्रशासन उसे चेतावनी देता है कि अगर वह सारे पेपर दोबारा नहीं देता तो,उसकी डिग्री रद्द कर दी जाएगी। इसके बाद यहाँ से शुरू होता है दोस्तों झूठ, भ्रम और गड़बड़ियों का एक के बाद एक सिलसिला, जहाँ हर कदम पर राघवन खुद को और गहरे खाई में धकेलता चला जाता है।
दोस्तों मूवी के पहले हिस्से में रागवन को एक ऐसे लापरवाह युवा के रूप में दिखाया गया है जिसे अपनी ज़िंदगी से कोई शिकायत नहीं थीं, बस उसके पास अपनी मर्ज़ी से जीने का हौसला था। वह गुस्से में अक्सर गालियाँ बक देता है, माता-पिता को पागल बनाता है, और दिन रात पार्टियों में डूबा रहता है। दोस्तों यह सब दिखाने के पीछे एक मकसद है—इससे आज के युवाओं की मानसिकता से जुड़ने की कोशिश की गई है।
कि क्या सच में बिना मेहनत करे सफलता टिकाऊ होती है? या यह सिर्फ एक ऐसा झूठा सुकून है जो हमें समय से पहले डूबा देता है? यह दिखाया गया है। दोस्तों राघवन की कहानी इन्हीं सवालों के आस-पास घूमती है, जो लोगो को सोचने पर मजबूर कर देती है।
ड्रैगन मूवी की खास बात यह है कि यह फिल्म सिर्फ एक चरित्र की नहीं, बल्कि दोस्तों उस पूरी पीढ़ी को कहानी कहती है जो सफलता के दबाव में शॉर्टकट अपनाने को मजबूर है। क्या वाकई में यही है सफलता की कीमत? शायद यही सवाल आपको फिल्म देखने के बाद भी परेशान करता रहे